उत्तराखंड सरकार ने नन्हीं परी मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल
उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई 'नन्हीं परी' की दुखद घटना पर सरकार ने गंभीर कदम उठाया है। शनिवार को उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की। इस मामले की पैरवी भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता करेंगे। सरकार का उद्देश्य है कि दोषियों को कड़ी सजा मिले और भविष्य में ऐसे अपराधों के खिलाफ मजबूत संदेश जाए। पीड़ित परिवार ने सरकार के इस कदम पर संतोष व्यक्त किया है और उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है। सरकार की त्वरित कार्रवाई उत्तराखंड सरकार ने 'नन्हीं परी' मामले में तेजी से कदम उठाए हैं। एस.पी. सिटी हल्द्वानी प्रकाश चंद्र आर्या द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है। सरकार ने इस संवेदनशील मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता दी
सरकार की त्वरित कार्रवाई
उत्तराखंड सरकार ने ‘नन्हीं परी’ मामले में तेजी से कदम उठाए हैं। एस.पी. सिटी हल्द्वानी प्रकाश चंद्र आर्या द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है। सरकार ने इस संवेदनशील मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
- सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को मामले की पैरवी सौंपी गई
- जिला प्रशासन ने परिवार से मुलाकात कर सहयोग का आश्वासन दिया
- सरकार का उद्देश्य दोषियों को कड़ी सजा दिलाना
परिवार और प्रशासन का संवाद
जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने पीड़ित परिवार को सरकार की गंभीरता से अवगत कराया। उपजिलाधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक ने नन्हीं परी के घर जाकर माता-पिता से मुलाकात की और हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। परिवार ने सरकार के कदम पर संतोष व्यक्त किया है।
न्याय की उम्मीद और सरकार का संकल्प
उत्तराखंड सरकार का मानना है कि यह केवल एक बच्ची के न्याय का मामला नहीं, बल्कि पूरे राज्य की अस्मिता और सुरक्षा का विषय है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि न्याय की इस लड़ाई में पीड़ित परिवार अकेला नहीं है। प्रशासनिक और कानूनी स्तर पर हर संभव प्रयास किए जाएंगे ताकि अपराधियों को कठोर दंड मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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