कोटा का दशहरा मेला विश्व का सबसे ऊंचा रावण तैयार: 132वें राष्ट्रीय
कोटा के 132वें राष्ट्रीय दशहरा मेले में इस वर्ष एक नया इतिहास रचा जाने वाला है। मेले में 221 फीट ऊंचा रावण का पुतला स्थापित किया गया है, जो अब तक का सबसे ऊंचा पुतला है। यह न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है। इस विशाल पुतले के निर्माण पर 44 लाख रुपये की लागत आई है। इसके साथ ही कोटा का नाम एशिया और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज होने की संभावना है। यह आयोजन स्थानीय परंपराओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
रावण पुतले की विशेषताएं और निर्माण प्रक्रिया
इस विशालकाय रावण पुतले को बनाने में कई विशेष तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है:
- पुतला लगभग 13,000 किलो वजनी है और पूरी तरह लोहे के स्ट्रक्चर पर आधारित है।
- इसका चेहरा 25 फीट का और फाइबर ग्लास से बना है, जो तीन क्विंटल वजनी है।
- मुकुट 60 फीट का है, जिसमें रंग-बिरंगी एलईडी लाइटें सजाई गई हैं।
- तलवार 50 फीट लंबी और जूतियां 40 फीट की हैं।
- पुतले में 25 रिमोट कंट्रोल पॉइंट्स लगाए गए हैं, जिनसे आतिशबाजी होगी।
सुरक्षा और स्थापना प्रक्रिया
पुतले की स्थापना के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। दहन स्थल को बदलकर मैदान के पूर्वी हिस्से में किया गया है, जहां 26×24 फीट का आरसीसी फाउंडेशन बनाया गया है। पुतले को खड़ा करने के लिए 220 टन और 100 टन की हाइड्रोलिक क्रेन का सहारा लिया गया। सुरक्षा के लिहाज से पुतले के आसपास 150 फीट की परिधि में कड़े इंतजाम किए गए हैं।
मेले की अन्य आकर्षक विशेषताएं
रावण के अलावा, मेले में मेघनाथ और कुंभकरण के 60-60 फीट के पुतले भी स्थापित किए जाएंगे। इन सभी पुतलों में ग्रीन पटाखे लगाए जा रहे हैं। रावण में 15,000 ग्रीन पटाखे, जबकि मेघनाथ और कुंभकरण में 4-4 हजार पटाखे लगाए जाएंगे। यह आयोजन न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक बड़ा आकर्षण बनने जा रहा है। दशहरा के दिन रावण दहन का यह दृश्य निश्चित रूप से इतिहास में दर्ज होगा और लोगों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।
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