भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का ट्रांसफर: PWD में अपर सचिव बनाए गए
मध्य प्रदेश सरकार ने मंगलवार को आईएएस अधिकारियों की नई तबादला सूची जारी की, जिसमें कई जिलों के कलेक्टर बदले गए हैं। इसमें सबसे चर्चित नाम भिंड के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का है, जिन्हें 26 महीने के कार्यकाल के बाद हटा दिया गया है। श्रीवास्तव ने अपने कार्यकाल में माफिया विरोधी अभियान और कड़क प्रशासन के लिए पहचान बनाई थी। उन्हें अब लोक निर्माण विभाग में अपर सचिव बनाया गया है। यह कदम स्थानीय विधायक से हुए विवाद के बाद उठाया गया है।
माफिया विरोधी कार्रवाई और प्रशासनिक सुधार
संजीव श्रीवास्तव ने जुलाई 2023 में भिंड कलेक्टर का पदभार संभाला था। उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी विशेषता माफिया विरोधी कार्रवाई रही। उन्होंने बिना पुलिस बल के अवैध रेत खदानों पर छापेमारी की, जिससे माफिया में डर का माहौल बना। इसके अलावा, उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए भी कई कदम उठाए।
- अवैध रेत खनन और मिलावटखोरी पर सख्त कार्रवाई
- शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए ‘सार्थक’ ऐप का उपयोग
- चुनाव प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
- भिंड को प्रदेश में सबसे अधिक राजस्व वसूली करने वाला जिला बनाया
राजनीतिक विवादों का सामना
श्रीवास्तव का कार्यकाल राजनीतिक रूप से भी चर्चित रहा। उनका स्थानीय विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह से विवाद सुर्खियों में रहा। इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष से भी उनका टकराव हुआ था।
नए कलेक्टर की नियुक्ति और भविष्य की चुनौतियां
भिंड के नए कलेक्टर के रूप में करोड़ी लाल मीणा को नियुक्त किया गया है। मीणा को मिशन मोड में काम करने वाला अधिकारी माना जाता है। उनके सामने श्रीवास्तव द्वारा शुरू किए गए सुधारों को जारी रखने और स्थानीय राजनीतिक दबावों से निपटने की चुनौती होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे भिंड में किस तरह के प्रशासनिक नेतृत्व का प्रदर्शन करते हैं।
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