Skip to content

कम उम्र में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा, रिम्स के विशेषज्ञ ने

  • Rupesh 
  • Jharkhand
1 min read

कम उम्र में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा, रिम्स के विशेषज्ञ ने

हाल के वर्षों में हार्ट अटैक के मामलों में चिंताजनक बदलाव देखा जा रहा है। पहले जहां यह बीमारी 55 साल से अधिक उम्र के लोगों में ज्यादा होती थी, वहीं अब 20 साल की उम्र के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। रिम्स कार्डियोलॉजी विभाग में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इसकी प्रमुख वजह धूम्रपान है। इस ट्रेंड को डॉक्टर बेहद खतरनाक मान रहे हैं और लोगों को सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं।

युवाओं में हार्ट अटैक के कारण और लक्षण

रिम्स कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. हेमंत नारायण ने वर्ल्ड हार्ट डे पर बताया कि 20 साल से कम उम्र के हार्ट अटैक के मरीजों में एक समान बात पाई गई – वे चेन स्मोकर थे। कई युवाओं ने 17 साल की उम्र से ही सिगरेट पीना शुरू कर दिया था, जिसका परिणाम 20 साल की उम्र तक आते-आते गंभीर हार्ट अटैक के रूप में सामने आया।

  • 35 साल से ऊपर के मरीजों में फैमिली हिस्ट्री और डायबिटीज प्रमुख कारण हैं
  • 45-48 साल के मरीजों में 50-60 प्रतिशत ब्लॉकेज पाए जा रहे हैं
  • पुरुषों में सीने में भारीपन या चलने पर दर्द प्रमुख लक्षण हैं
  • महिलाओं में हल्के लक्षण भी नजरअंदाज नहीं करने चाहिए

रोकथाम के उपाय और सावधानियां

डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और लक्षणों को नजरअंदाज न करें। विशेष रूप से उन लोगों को सतर्क रहना चाहिए जिनके परिवार में हार्ट की समस्या का इतिहास रहा हो। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और धूम्रपान छोड़ने की सलाह दी गई है।

See also  बोकारो में कार चालक का हेलमेट न पहनने पर चालान: कोडरमा

स्वस्थ आहार और जीवनशैली का महत्व

डॉ. हेमंत ने स्वस्थ आहार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि लोग अपने खानपान में नींबू पानी, सत्तू का पानी, बेल का शर्बत और हरी सब्जियां शामिल करें। साथ ही, नियमित व्यायाम करें, लेकिन अगर कोई हार्ट संबंधी समस्या है तो डॉक्टर की सलाह के बिना कठोर व्यायाम न करें। समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराना भी महत्वपूर्ण है ताकि किसी भी समस्या का समय रहते पता चल सके और उसका इलाज किया जा सके।

स्रोत: लिंक