मानहानि केस में कंगना रनोट को बठिंडा कोर्ट से झटका: VC
हिमाचल प्रदेश की मंडी से भाजपा सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट को पंजाब की बठिंडा कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने किसान आंदोलन पर की गई टिप्पणी के संबंध में दर्ज मानहानि मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा पेशी की उनकी याचिका खारिज कर दी है। अब कंगना को 27 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होना होगा। यह मामला 2021 का है, जब कंगना ने एक बुजुर्ग महिला किसान पर विवादास्पद टिप्पणी की थी। इस फैसले का किसान आंदोलन और महिला अधिकारों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
मानहानि केस का पृष्ठभूमि
यह मामला 2021 में किसान आंदोलन के दौरान शुरू हुआ, जब कंगना रनोट ने सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद पोस्ट किया था। उन्होंने बठिंडा की 87 वर्षीय बुजुर्ग महिला किसान महिंदर कौर को लेकर टिप्पणी की थी कि वह 100 रुपये लेकर धरने में शामिल हुई थीं। इस टिप्पणी के विरोध में महिंदर कौर ने कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज करवाया था।
- कंगना ने दावा किया कि उन्होंने केवल एक वकील की पोस्ट को रीपोस्ट किया था
- महिंदर कौर ने 4 जनवरी 2021 को मानहानि का केस दायर किया
- 13 महीने की सुनवाई के बाद बठिंडा कोर्ट ने कंगना को समन जारी किया
कानूनी कार्यवाही का क्रम
कंगना रनोट ने इस मामले में राहत पाने के लिए विभिन्न न्यायालयों का रुख किया। उन्होंने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जो खारिज कर दी गई। फिर वे सुप्रीम कोर्ट गईं, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली। अब बठिंडा कोर्ट ने उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा पेशी की अर्जी खारिज कर दी है।
मामले का वर्तमान स्थिति और प्रभाव
अब कंगना रनोट को 27 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से बठिंडा कोर्ट में उपस्थित होना होगा। कोर्ट के आदेश एसएसपी के माध्यम से कंगना को भेजे जाएंगे। यह मामला न केवल कंगना के लिए, बल्कि सार्वजनिक हस्तियों द्वारा सोशल मीडिया पर की जाने वाली टिप्पणियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकता है। इस घटनाक्रम से किसान आंदोलन और महिला अधिकारों पर चर्चा फिर से गरम हो सकती है।
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