राजस्व मंडल का फर्जी आदेश, करोड़ों के जमीन की हेराफेरी: शासकीय जमीन
सूरजपुर जिले के मदनपुर गांव में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। राजस्व मंडल के फर्जी आदेश का इस्तेमाल करके करीब 4 एकड़ की बेशकीमती सरकारी जमीन को निजी नाम पर दर्ज करा लिया गया। इस मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। जांच में पाया गया कि स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से यह घोटाला किया गया। इस घटना से प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं और जमीन से जुड़े मामलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।
घोटाले का खुलासा और कार्रवाई
मदनपुर में नेशनल हाईवे से सटी 3.87 एकड़ सरकारी जमीन को एक व्यक्ति रंदीप सिंह के नाम पर दर्ज कराया गया। इसके लिए राजस्व मंडल का एक फर्जी आदेश तैयार किया गया। जांच में पाया गया कि:
- एसडीएम ने बिना उचित जांच के जमीन हस्तांतरण का आदेश दिया
- तहसीलदार और पटवारी ने गलत रिपोर्ट दी
- राजस्व मंडल का दिखाया गया आदेश फर्जी था
- पटवारी को सस्पेंड कर दिया गया है
पुलिस जांच शुरू
इस मामले में पुलिस ने रंदीप सिंह और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की है। धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल हैं।
व्यापक जांच की मांग
यह मामला अकेला नहीं है। सरगुजा क्षेत्र में ऐसे करीब दो दर्जन मामले पहले ही सामने आ चुके हैं जहां राजस्व मंडल के फर्जी आदेशों का इस्तेमाल करके सरकारी या अन्य जमीनों को गलत तरीके से हस्तांतरित किया गया। इससे यह आशंका बढ़ गई है कि यह एक बड़ा रैकेट हो सकता है। स्थानीय लोगों की मांग है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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