छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें अगली तिमाही में भी अपरिवर्तित
सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर 2025 तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्रालय ने 30 सितंबर को इसकी घोषणा की। पीपीएफ, पोस्ट ऑफिस एफडी, सुकन्या समृद्धि योजना और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र जैसी योजनाओं की दरें अपरिवर्तित रहेंगी। यह लगातार 7वीं तिमाही है जब दरें स्थिर हैं। इससे छोटे निवेशकों को स्थिर रिटर्न मिलता रहेगा, लेकिन मुद्रास्फीति के मुकाबले वास्तविक रिटर्न कम हो सकता है। छोटी बचत योजनाओं की वर्तमान दरें छोटी बचत योजनाओं की वर्तमान ब्याज दरें 4% से 8.2% के बीच हैं। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर 7.1% और सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2% की दर मिल रही है। सरकार ने आखिरी बार दिसंबर 2023 में इन दरों में बढ़ोतरी की
छोटी बचत योजनाओं की वर्तमान दरें
छोटी बचत योजनाओं की वर्तमान ब्याज दरें 4% से 8.2% के बीच हैं। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर 7.1% और सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2% की दर मिल रही है। सरकार ने आखिरी बार दिसंबर 2023 में इन दरों में बढ़ोतरी की थी।
- पीपीएफ पर 7.1% ब्याज
- सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2% ब्याज
- राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र पर 7% ब्याज
- पोस्ट ऑफिस सावधि जमा पर 5.5-7% ब्याज
दरों की समीक्षा प्रक्रिया
सरकार हर तिमाही में इन दरों की समीक्षा करती है। श्यामला गोपीनाथ समिति के सुझाव के अनुसार, इन योजनाओं की दरें समान परिपक्वता वाले सरकारी बॉन्ड की यील्ड से 0.25-1% अधिक होनी चाहिए। सरकार देश में नकदी और मुद्रास्फीति की स्थिति को भी ध्यान में रखती है।
छोटी बचत योजनाओं का महत्व
ये योजनाएं भारतीय परिवारों की बचत का एक प्रमुख स्रोत हैं। इनमें 12 अलग-अलग निवेश साधन शामिल हैं। इन योजनाओं से एकत्र किए गए धन को राष्ट्रीय लघु बचत कोष (एनएसएसएफ) में जमा किया जाता है। ये योजनाएं सरकारी घाटे के वित्तपोषण का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गई हैं। छोटे निवेशकों को सुरक्षित और स्थिर रिटर्न प्रदान करने के अलावा, ये योजनाएं सरकार के लिए धन जुटाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं।
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