Durga Puja: पटना में दुर्गा पूजा मेला में कहां, क्या खास, जान
पटना में दुर्गा पूजा का उत्साह चरम पर है। शहर भर में विभिन्न थीम पर आधारित आकर्षक पंडाल सजाए गए हैं। अयोध्या राम मंदिर, केदारनाथ मंदिर, और कोलकाता की दुर्गाबाड़ी जैसी प्रतिकृतियों के साथ-साथ हिमालय पर्वत और चीखती गुफा जैसे अनोखे विषयों पर भी पंडाल बनाए गए हैं। इन पंडालों में मां दुर्गा की भव्य मूर्तियां स्थापित की गई हैं। श्रद्धालुओं के लिए मेले, रामलीला, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। प्रमुख पंडालों की विशेषताएं पटना के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित प्रमुख दुर्गा पूजा पंडालों में कई आकर्षक विशेषताएं हैं: सिपारा एतवारपुर में अयोध्या राम मंदिर की प्रतिकृति गोला रोड मोड़ पर बेंगलुरु के विधाना सौधा का नमूना पीरमुहानी में कोलकाता की दुर्गाबाड़ी की झलक मछुआटोली में
प्रमुख पंडालों की विशेषताएं
पटना के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित प्रमुख दुर्गा पूजा पंडालों में कई आकर्षक विशेषताएं हैं:
- सिपारा एतवारपुर में अयोध्या राम मंदिर की प्रतिकृति
- गोला रोड मोड़ पर बेंगलुरु के विधाना सौधा का नमूना
- पीरमुहानी में कोलकाता की दुर्गाबाड़ी की झलक
- मछुआटोली में मां काली के 18 रूपों का प्रदर्शन
- मीठापुर नहर पर केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर पंडाल
अनोखे थीम और आकर्षण
कुछ पंडालों में विशेष आकर्षण भी देखने को मिल रहे हैं। डाकबंगला चौराहे पर तंजौर के बृहदीश्वर मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई है। दुर्गाश्रम मंदिर के पास हिमालय पर्वत थीम पर पंडाल सजाया गया है, जहां भगवान राम और मां दुर्गा के विभिन्न दृश्य दिखाए गए हैं। हनुमान नगर में 400 फीट लंबी “चीखती गुफा” बनाई गई है, जहां श्रद्धालु राक्षसों की चीखें सुन सकेंगे।
पारंपरिक और नए पंडालों का मिश्रण
पटना में 100 साल से अधिक पुराने पंडालों के साथ-साथ नए और नवोन्मेषी पंडाल भी श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं। गांधी मैदान में पहली बार मां कालिका पर आधारित नृत्य नाटिका का आयोजन किया जा रहा है। कई पंडालों में सेल्फी पॉइंट्स बनाए गए हैं, जो युवाओं को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे हैं। इस प्रकार, पटना में दुर्गा पूजा का उत्सव परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम बन गया है।
स्रोत: लिंक
