बिहार विधानसभा चुनाव: कुछ सीटों पर दलों का लगातार दबदबा
बिहार विधानसभा चुनावों में कुछ सीटों पर राजनीतिक दलों का लगातार वर्चस्व देखा जा रहा है। पिछले छह चुनावों के विश्लेषण से पता चलता है कि 13 सीटों पर केवल तीन दल ही जीत रहे हैं, जबकि 26 सीटों पर पिछले पांच चुनावों से इन्हीं तीन दलों का कब्जा है। भाजपा इस मामले में सबसे आगे है, जिसके पास नौ ऐसी सीटें हैं जहां वह लगातार जीत रही है। यह रुझान राज्य की राजनीति में स्थिरता और कुछ क्षेत्रों में मजबूत जनाधार को दर्शाता है।
प्रमुख दलों का प्रदर्शन
बिहार विधानसभा चुनावों में भाजपा, जदयू और राजद का प्रदर्शन सबसे प्रभावशाली रहा है। इन दलों ने कई सीटों पर अपना वर्चस्व बनाए रखा है:
- भाजपा: 9 सीटों पर लगातार जीत
- जदयू: 2 सीटों पर लगातार जीत
- राजद: 2 सीटों पर लगातार जीत
- 24 सीटों पर पिछले पांच चुनावों से इन्हीं तीन दलों का कब्जा
भाजपा की मजबूत पकड़
भाजपा ने सबसे अधिक सीटों पर अपना प्रभुत्व बनाए रखा है। पार्टी के पास रामनगर, चनपटिया, रक्सौल, बनमनखी, पूर्णिया, हाजीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब और गया टाउन जैसी महत्वपूर्ण सीटें हैं जहां वह लगातार जीत रही है।
चुनावी रुझान और गठबंधन का प्रभाव
बिहार में राजनीतिक गठबंधनों का चुनावी परिणामों पर गहरा असर देखा गया है। 2015 में जदयू-राजद गठबंधन ने चुनाव जीता, जबकि 2020 में जदयू-भाजपा गठबंधन सत्ता में आया। इन बदलते समीकरणों के बावजूद कुछ सीटों पर दलों का वर्चस्व बरकरार रहा:
- 2015 और 2020 के बीच 115 सीटों पर दलों ने दोबारा जीत हासिल की
- राजद: 38 सीटों पर लगातार दो चुनावों में जीत
- भाजपा: 36 सीटों पर लगातार दो चुनावों में जीत
- जदयू: 28 सीटों पर लगातार दो चुनावों में जीत
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि बिहार की राजनीति में कुछ क्षेत्रों में दलों का मजबूत जनाधार है, जो गठबंधनों और राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बावजूद बरकरार रहता है। हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि राज्य की 56 सीटें ऐसी हैं जहां राजद को अब तक कोई जीत नहीं मिली है।
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