मेरठ मेडिकल में बेड खाली और व्हील चेयर पर इलाज: तीमारदार बोले
मेरठ के LLRM मेडिकल अस्पताल में मरीजों को गंभीर लापरवाही का सामना करना पड़ रहा है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को बेड और उचित देखभाल नहीं मिल रही है। सोमवार को एक मरीज को 45 मिनट तक व्हीलचेयर पर ही रखा गया, जबकि पास में खाली बेड मौजूद था। अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस तरह की लापरवाही पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इमरजेंसी में मरीजों की दुर्दशा
LLRM मेडिकल अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों की स्थिति दयनीय है। सोमवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया, जब बुलंदशहर से आए एक मरीज को 45 मिनट तक व्हीलचेयर पर ही रखा गया। मरीज के बेटे राजेश सिंह ने बताया कि उनके पिता को ऑक्सीजन लगाई गई थी और उन्हें बैठने में तकलीफ हो रही थी।
- मरीज को 45 मिनट तक व्हीलचेयर पर ही रखा गया
- खाली बेड होने के बावजूद मरीज को लेटाया नहीं गया
- स्टाफ की लापरवाही से मरीजों को परेशानी
- प्रबंधन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं
स्टाफ का रवैया
जब मरीज के परिजनों ने बार-बार बेड की मांग की, तो स्टाफ का जवाब था कि “ऑक्सीजन तो लग ही रही है, बेड भी मिल जाएगा।” यह स्थिति अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही और असंवेदनशीलता को दर्शाती है। मरीज के पास खाली बेड होने के बावजूद उसे व्हीलचेयर पर ही छोड़ दिया गया।
लगातार हो रही लापरवाही
यह कोई पहला मामला नहीं है। कुछ दिन पहले भी एक मरीज के साथ ऐसा ही व्यवहार किया गया था। उसे भी कुर्सी पर बैठाकर ऑक्सीजन लगाकर छोड़ दिया गया था, जबकि पास में खाली बेड मौजूद था। इस तरह की घटनाएं LLRM मेडिकल अस्पताल में आम हो गई हैं। अस्पताल में संसाधन होने के बावजूद स्टाफ की लापरवाही जारी है और प्रबंधन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
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