कौन थे बिहार के पहले मुख्यमंत्री, पीएम से बन गए थे सीएम
बिहार के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण नाम है श्री कृष्ण सिंह, जिन्हें लोकप्रिय रूप से ‘श्री बाबू’ के नाम से जाना जाता था। वे स्वतंत्र भारत के बिहार राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे। श्री सिंह न केवल बिहार के लिए बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रमुख नेता थे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई और आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ मिलकर काम किया। उनका कार्यकाल बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण समय था, जिसने राज्य की राजनीतिक और सामाजिक दिशा तय की।
श्री कृष्ण सिंह का राजनीतिक सफर
श्री कृष्ण सिंह का राजनीतिक जीवन बेहद रोचक रहा। वे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सक्रिय रहे और अपने देशप्रेम के लिए जाने जाते थे। आजादी के बाद, उन्हें बिहार का पहला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। उनकी नेतृत्व क्षमता और लोकप्रियता ने उन्हें राज्य का सबसे प्रभावशाली नेता बना दिया।
- 1946 में बिहार के अंतरिम मंत्रिमंडल के प्रमुख बने
- 1952 में बिहार के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने
- राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
‘श्री बाबू’ के रूप में लोकप्रियता
‘श्री बाबू’ उपनाम श्री कृष्ण सिंह की जनप्रियता और सम्मान का प्रतीक था। यह नाम उनके व्यक्तित्व की गरिमा और लोगों के प्रति उनके स्नेह को दर्शाता था। वे अपनी सरलता और सुलभता के लिए जाने जाते थे, जो उन्हें जनता के बीच एक विशेष स्थान दिलाता था।
राष्ट्रीय राजनीति में योगदान
श्री कृष्ण सिंह का प्रभाव केवल बिहार तक सीमित नहीं था। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पंडित नेहरू के साथ उनका घनिष्ठ संबंध था और वे देश के विकास में सक्रिय योगदान देते रहे। उनकी राजनीतिक दूरदर्शिता और प्रशासनिक कौशल ने उन्हें एक राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित किया। श्री सिंह की विरासत आज भी बिहार और भारतीय राजनीति में याद की जाती है, जो नए नेताओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बनी हुई है।
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