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अक्षय कुमार और आमिर खान के बीच OTT रिलीज पर मतभेद

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अक्षय कुमार और आमिर खान के बीच OTT रिलीज पर मतभेद

बॉलीवुड के दो बड़े सितारे अक्षय कुमार और आमिर खान थिएटर रिलीज और OTT प्रीमियर के बीच के अंतराल पर अलग-अलग राय रखते हैं। जहां आमिर खान ने हाल ही में थिएटर व्यवसाय की रक्षा के लिए 6 महीने का अंतराल सुझाया था, वहीं अक्षय कुमार ने इससे असहमति जताते हुए कम अंतराल को व्यावहारिक बताया है। अक्षय का मानना है कि 3 महीने का अंतराल उचित है क्योंकि OTT प्लेटफॉर्म भी डिजिटल अधिकारों के लिए भारी निवेश करते हैं। यह विवाद फिल्म उद्योग में चल रही बहस का हिस्सा है जो दर्शकों के व्यवहार और रेवेन्यू मॉडल को प्रभावित कर रहा है।

अक्षय कुमार का दृष्टिकोण

अक्षय कुमार ने ABP Live से बातचीत में कहा कि तीन महीने का अंतराल उचित है। उन्होंने कहा, “छह महीने बहुत लंबा समय है क्योंकि आखिरकार OTT प्लेटफॉर्म डिजिटल अधिकारों के लिए आपको भुगतान कर रहा है। उन्हें भी इस सौदे से लाभ होना चाहिए।” अक्षय ने यह भी कहा कि उद्योग को महामारी-पूर्व मॉडल पर लौटना चाहिए जहां थिएटर और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म बिना किसी टकराव के सह-अस्तित्व में थे।

  • अक्षय ने 3 महीने के अंतराल का समर्थन किया
  • OTT प्लेटफॉर्म के निवेश को महत्व दिया
  • महामारी-पूर्व मॉडल पर लौटने का सुझाव दिया

OTT कंटेंट का महत्व

अक्षय ने स्वीकार किया कि वे खुद काफी मात्रा में OTT कंटेंट का उपभोग करते हैं। यह सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि अपने प्रोजेक्ट्स के लिए प्रतिभा खोजने के लिए भी है। उन्होंने कहा, “मुझे फिल्में बनाने के अलावा कोई काम नहीं है। चूंकि मैं पढ़ा-लिखा नहीं हूं, इसलिए मैं केवल फिल्में करता हूं। इसलिए मुझे OTT देखने का बहुत समय मिलता है।”

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आमिर खान का विरोधी दृष्टिकोण

इसके विपरीत, आमिर खान ने थिएटर-से-OTT विंडो के लिए कम से कम छह महीने का अंतराल सुझाया है। उनका मानना है कि कम अंतराल सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या कम होने का कारण है। किरण राव की फिल्म ‘लापता लेडीज’ के थिएटर में कम प्रदर्शन लेकिन Netflix पर लोकप्रियता के बाद आमिर ने अपने इस दृष्टिकोण पर और जोर दिया है। वर्तमान में, अधिकांश फिल्में आठ सप्ताह के थिएटर-से-डिजिटल मॉडल का पालन करती हैं।

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