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बिहार में पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज पर सियासी जंग तेज, मंत्री प्रेम कुमार

  • Sushant 
  • Bihar
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बिहार में पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज पर सियासी जंग तेज, मंत्री प्रेम कुमार

बिहार के भाजपा मंत्री प्रेम कुमार ने राजद और कांग्रेस पर पिछड़े वर्गों के अधिकारों की अनदेखी का आरोप लगाया है। भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते हुए इन दलों ने पिछड़े और अति-पिछड़े समाज को न अधिकार दिया और न ही सम्मान। राजद के एक हालिया कार्यक्रम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कुछ पिछड़ी जातियों के प्रवेश पर रोक लगाने का आरोप भी लगाया। यह विवाद बिहार की राजनीति में पिछड़े वर्गों के मुद्दे की महत्वपूर्णता को रेखांकित करता है।

राजद पर लगे गंभीर आरोप

प्रेम कुमार ने राजद के ‘कर्पूरी अतिपिछड़ा अधिकार सम्मेलन’ का जिक्र करते हुए बताया कि इस कार्यक्रम में कुछ पिछड़ी जातियों के लोगों को शामिल नहीं होने दिया गया। उन्होंने कहा:

  • तेली, कानू, दांगी और चौरासिया जातियों के लिए प्रवेश पर रोक लगाई गई
  • तेली समाज के विधायक रणविजय साहू को लौटा दिया गया
  • कानू समाज के नेता गोपाल गुप्ता को भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया गया

पिछड़े वर्गों के अधिकारों पर सवाल

मंत्री ने राजद और कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब ये दल सत्ता में थे, तब उन्होंने पिछड़े और अति-पिछड़े समाज के हितों की अनदेखी की। उनका आरोप था कि इन दलों ने इन वर्गों को न तो उचित अधिकार दिए और न ही सम्मान।

बिहार की राजनीति में पिछड़े वर्गों का मुद्दा

यह विवाद बिहार की राजनीति में पिछड़े वर्गों के महत्व को दर्शाता है। राज्य में विभिन्न दल इन समुदायों का समर्थन पाने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। भाजपा के इस आरोप से राजद और कांग्रेस पर दबाव बढ़ सकता है कि वे अपनी नीतियों और कार्यक्रमों में पिछड़े वर्गों के हितों को कैसे संबोधित करते हैं। यह मुद्दा आने वाले चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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