‘आपन कहाये वाला के बा’ को पसंद कर रहे दर्शक, भोजपुरी संस्कृति
हाल ही में रिलीज हुई भोजपुरी फिल्म ‘आपन कहाये वाला के बा’ ने दर्शकों के बीच खासी लोकप्रियता हासिल की है। रजनीश मिश्रा द्वारा निर्देशित यह फिल्म भोजपुरी समाज और संस्कृति की सच्ची तस्वीर पेश करती है। इसमें परिवार के महत्व और रिश्तों की गहराई को दिखाया गया है। फिल्म के संवाद, गाने और कलाकारों के अभिनय ने दर्शकों को भावुक कर दिया है। यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा की छवि को सुधारने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
फिल्म की कहानी और कलाकार
‘आपन कहाये वाला के बा’ में भोजपुरी समाज की वास्तविक झलक दिखाई गई है। फिल्म टूटते-बिखरते परिवारों को जोड़ने का संदेश देती है। इसमें अवधेश मिश्रा, अंजना सिंह, देव सिंह, माया यादव और प्रीति मौर्या मुख्य भूमिकाओं में हैं। अन्य कलाकारों में रिंकू भारती, राघव पांडेय, अमरीश सिंह और राम सूजन सिंह शामिल हैं।
- फिल्म भोजपुरी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती है
- परिवार के महत्व पर जोर दिया गया है
- कलाकारों के अभिनय ने दर्शकों को प्रभावित किया
- संवाद और गाने भावनात्मक रूप से छू लेते हैं
संगीत और गीत की विशेषताएं
फिल्म का संगीत इसकी एक बड़ी खूबी है। गीतकार मनोज और संगीतकार रजनीश मिश्रा ने दिल को छू लेने वाले गीत तैयार किए हैं। “भउजी जब खिसियाली बड़ी काड़ा लागेली” और “धान कुटाये लागल, हरदी कुंचाये लागल” जैसे गाने दर्शकों की जुबान पर चढ़ गए हैं। ये गीत शादी-ब्याह के मौकों पर भी खूब बजाए जा रहे हैं।
फिल्म का प्रभाव और दर्शकों की प्रतिक्रिया
‘आपन कहाये वाला के बा’ ने भोजपुरी सिनेमा की छवि को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अक्सर अश्लीलता के आरोपों का सामना करने वाली भोजपुरी फिल्मों के बीच यह एक ताजी हवा की तरह है। फिल्म के संवाद जैसे “हम गहना पहिन के का करब जब जेठ जी के पगड़ी उतर जाई” भोजपुरी के पुराने दौर की याद दिलाते हैं। टाइटल सॉन्ग ‘आपन कहाये वाला के बा’ रिश्तों और भाईचारे पर गहरा असर डालता है। दर्शकों का मानना है कि यह फिल्म न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश भी देती है।
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