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राखड़ परिवहन से प्रदूषण, मानिकपुर खदान के पास प्रदर्शन: जर्जर सड़कें

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राखड़ परिवहन से प्रदूषण, मानिकपुर खदान के पास प्रदर्शन: जर्जर सड़कें

कोरबा के मानिकपुर खदान के पास रहने वाले लोगों ने खदान प्रबंधन के विरुद्ध आंदोलन शुरू किया है। उनका आरोप है कि राखड़ का परिवहन नियमों के विपरीत हो रहा है, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है और लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राखड़ परिवहन में सुरक्षा उपाय नहीं अपनाए जा रहे हैं। इसके कारण राखड़ उड़कर आसपास फैल रही है और सड़कें भी खराब हो गई हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुधार न होने पर उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।

राखड़ परिवहन से उत्पन्न समस्याएं

स्थानीय निवासियों का कहना है कि राखड़ परिवहन के दौरान नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। उनके अनुसार:

  • राखड़ ढोने वाले वाहनों पर तिरपाल नहीं लगाया जाता
  • डंपिंग के बाद मिट्टी की फिलिंग या पानी का छिड़काव नहीं होता
  • इसके कारण राखड़ उड़कर सड़कों और बस्तियों में फैल रही है
  • भारी वाहनों के आवागमन से सड़कें खराब हो गई हैं

स्वास्थ्य और सुरक्षा पर प्रभाव

वार्ड नंबर 10 के पार्षद उमेंद्र पटेल ने बताया कि मानिकपुर खदान के पास के गांवों में लोग चर्म रोग और टीबी जैसी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। वहीं वार्ड नंबर 9 के पूर्व पार्षद सुफलदास ने गौ माता चौक से बरबसपुर तक की सड़क की खराब हालत पर चिंता जताई है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।

प्रशासन और कंपनी का रुख

स्थानीय लोगों ने कई बार कंपनी प्रबंधन को इन समस्याओं से अवगत कराया है और पत्राचार भी किया है। लेकिन स्थिति में कोई सुधार न आने के कारण उन्हें यह आंदोलन करना पड़ा। जिले के कई संयंत्रों से राखड़ का परिवहन निजी संयंत्रों द्वारा किया जा रहा है, लेकिन संबंधित विभाग केवल औपचारिकता निभा रहा है। आंदोलन की सूचना मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पुलिस बल तैनात किया गया है।

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