2028 तक पूरी तरह लागू होगा 8वें वेतन आयोग: लेकिन फायदा 2026
केंद्र सरकार द्वारा जनवरी में मंजूर किए गए 8वें वेतन आयोग के पूरी तरह लागू होने में 2028 तक का समय लग सकता है। इसका लाभ 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और लगभग 65 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा। आयोग के गठन और कार्यान्वयन में देरी हो रही है, जिससे वेतन वृद्धि में विलंब हो सकता है। हालांकि, वेतन वृद्धि 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगी। इस आयोग से न्यूनतम वेतन में काफी वृद्धि की उम्मीद है। वेतन आयोग की प्रक्रिया और संभावित परिणाम 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों के वेतन में महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना है: लेवल-1 कर्मचारियों की बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹44,000 हो सकती है 2.46 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया जा सकता है
वेतन आयोग की प्रक्रिया और संभावित परिणाम
8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों के वेतन में महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना है:
- लेवल-1 कर्मचारियों की बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹44,000 हो सकती है
- 2.46 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया जा सकता है
- मौजूदा 55% महंगाई भत्ता (DA) नई बेसिक सैलरी में समाहित हो जाएगा
- कुल वेतन वृद्धि DA के समायोजन के कारण कम दिख सकती है
वेतन वृद्धि का उदाहरण
उदाहरण के लिए, लेवल-6 कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी ₹35,400 है। 2.46 के फिटमेंट फैक्टर के साथ, नई बेसिक सैलरी लगभग ₹87,084 (35,400 x 2.46) हो सकती है। हालांकि, कुल वेतन वृद्धि DA के समायोजन के कारण कम दिख सकती है।
वेतन आयोग में देरी के कारण और प्रभाव
8वें वेतन आयोग के पूर्ण कार्यान्वयन में देरी के कई कारण हैं:
- आयोग का गठन अभी तक नहीं हुआ है
- सदस्यों की नियुक्ति और कार्य शर्तें अभी तय नहीं हुई हैं
- रिपोर्ट तैयार करने और सरकारी मंजूरी में समय लगेगा
- पिछले आयोगों के अनुभव से 2-3 साल का समय लगने की संभावना है
हालांकि, वेतन वृद्धि 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगी, भले ही पूर्ण कार्यान्वयन 2028 तक हो। यह प्रक्रिया हर 10 साल में होती है, जिसमें पिछला 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था।
स्रोत: लिंक
