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भारत में बढ़ रहा है इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन, सरकार दे रही

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भारत में बढ़ रहा है इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन, सरकार दे रही

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। पिछले एक साल में इन वाहनों की बिक्री में 200% से अधिक की वृद्धि हुई है। सरकार ने इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिसमें सब्सिडी और टैक्स छूट शामिल हैं। इससे प्रदूषण कम करने और ईंधन आयात पर निर्भरता घटाने में मदद मिलेगी। हालांकि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले वित्त वर्ष में करीब 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहन बिके, जो पिछले साल की तुलना में तीन गुना अधिक है। इस वृद्धि में दोपहिया वाहनों का योगदान सबसे ज्यादा रहा है।

इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले वित्त वर्ष में करीब 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहन बिके, जो पिछले साल की तुलना में तीन गुना अधिक है। इस वृद्धि में दोपहिया वाहनों का योगदान सबसे ज्यादा रहा है। कई कारणों से लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं:

  • पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें
  • प्रदूषण कम करने की चाहत
  • सरकारी प्रोत्साहन और सब्सिडी
  • नए मॉडल्स की उपलब्धता

सरकार की पहल

केंद्र और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही हैं। FAME-II योजना के तहत खरीदारों को सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा GST दरों में कमी, रोड टैक्स में छूट जैसे प्रोत्साहन भी दिए जा रहे हैं। कई राज्यों ने अपनी EV नीतियां भी लागू की हैं।

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चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं

इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रसार में सबसे बड़ी बाधा चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। देश भर में अभी केवल कुछ हजार चार्जिंग स्टेशन हैं, जो पर्याप्त नहीं हैं। इसके अलावा बैटरी की उच्च लागत और कम रेंज भी चुनौतियां हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में तकनीकी प्रगति से ये समस्याएं दूर होंगी। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक देश में बिकने वाले 30% वाहन इलेक्ट्रिक हों। इससे न सिर्फ प्रदूषण कम होगा, बल्कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा भी मजबूत होगी।

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